शिव पुराण : देवराज का शिवलोक गमन

शिव पुराण सबसे वरिष्ठ पुराणों मे से एक है जिसमे भगवान शिव के चरित्र, अवतारो , पूजन विधि, उनसे जुड़े रहस्यों आदि के बारे मे बताया गया है। शिव पुराण मे हमें भगवान शिव के परमेश्वर रूप के दर्शन होते है औऱ ये पुराण उनकी महिमा का गुणगान करता है । शिव पुराण मे हम भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगो के बारे मे उनकी कथा सहित जानते है । भगवान शिव के इस पुराण मे लगभग 24000 श्लोक है औऱ इसे अलग सहिताओं मे बाटा गया है –
1.विधेश्वर सहिता
2.रूद्र सहिता
3.कोटिरूद्र सहिता
4.कैलाश सहिता
5.वायु सहिता

शिव पुराण

भगवान शिव के इस ग्रन्थ मे विभिन्न कथाये दी गयी है जो भगवान शिव की महिमा का बखान करने के साथ साथ हमें शिष्टाचार, धर्म -अधर्म औऱ सही – गलत मे भेद करना भी सिखाती है। ऐसी ही एक कथा जो शिवपुराण में देवराज की कथा का वर्णन है, जो इस प्रकार है:

एक समय की बात है, देवराज नाम का एक ब्राह्मण था। वह बड़ा ही अधर्मी, ज्ञान से दुर्बल औऱ गरीब था । वह हर आदमी को ठगा करता था। उसने हर उस आदमी को नुक्सान पुहंचया या उसे मार दिया जिसने उसपर विश्वास किया । एक दिन, देवराज घूमते-घामते एक शिवालय मे जा पुहंचा । जहाँ पर बहुत से साधु-महात्मा ठहरे हुए थे। देवराज भी वहीं ठहर गया। रात में उसे तेज़ ज्वर आ गया और वह पीड़ा से तड़पने लगे।
वहीं पर एक ब्राह्मण देवता शिव पुराण की कथा सुना रहे थे।

ज्वर से पीड़ित देवराज भी ब्राह्मण के मुख से शिव कथा को निरंतर सुनता रहा। एक महीने बाद देवराज ज्वर से पीड़ित अवस्था में चल बसा। मृत्यु के बाद यमराज के दूत उसे बांधकर यमपुरी ले गए। तभी वहाँ शिवलोक से भगवान शिव के पार्षद गण आ गए। वे देखने मे कर्पूर के समान उज्जवल थे, उनके हाथ में त्रिशूल था और शरीर में भस्म लगी थी। उन्होंने बड़ी-बड़ी रुद्राक्ष की मालाएँ पहन रखी थीं।

शिव के पार्षद गण क्रोध में यमपुरी में गए और यमराज के दूतों को मार-पीटकर धमकाया और देवराज को उनके चंगुल से छुड़ाकर भगवान शिव के पास ले जाने लगे। इस कोलहल को सुनकर यमपुरी के राजा वंहा पुहंचे औऱ उन्होंने भगवान शिव के पार्षदों का सामान किया औऱ उन्हें देवराज को ले जाने दिया।

इस तरह भगवान शिव के गण देवराज को यमपुरी से कैलाश पर्वत ले गए। कैलाश पहुंचकर पार्षद गणों ने देवराज को भगवान शिव को सौंप दिया। इस तरह से शिव पुराण सुनने मात्र से अधर्मी देवराज को भी शिवलोक की प्राप्ति हुई। इसलिए ऐसा कहा जाता है कि, जो व्यक्ति शिव पुराण या शिव कथा का श्रवण करता है, उसे शिवलोक की प्राप्ति होती है।

|| हर हर महादेव ||

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