जगदीश जी की आरती: महिमा, अर्थ और लाभ

जगदीश जी की आरती – भारत की धार्मिक परंपराओं में भगवान विष्णु को समर्पित अनेक आरतियाँ हैं, जिनमें “ॐ जय जगदीश हरे” सबसे प्रसिद्ध है। यह आरती न केवल श्रद्धालुओं के हृदय में भक्ति की भावना उत्पन्न करती है, बल्कि मन को शांति और आत्मा को प्रसन्नता भी प्रदान करती है। इस लेख में हम जगदीश जी की आरती, उसकी महिमा, आरती गाने के लाभ और इसके पीछे की आध्यात्मिक गहराई को विस्ता

जगदीश जी कौन हैं?

जगदीश”, जिसका अर्थ है “जगत के ईश्वर”, भगवान विष्णु का एक नाम है। हिंदू धर्म में विष्णु को सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में पूजा जाता है। वे न केवल इस संसार के रक्षक हैं बल्कि धर्म की स्थापना और अधर्म के नाश के लिए समय-समय पर अवतार भी लेते हैं, जैसे कि श्रीराम और श्रीकृष्ण

भगवान जगदीश को प्रसन्न करने के लिए अनेक भक्त “जय जगदीश हरे” आरती गाते हैं, जिसे गाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और भक्तों को मानसिक और आध्यात्मिक शांति मिलती है।

 

जगदीश जी की आरती

 

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

ॐ जय जगदीश हरे

जो ध्यावे फल पावे, दुःख बिनसे मन का।

सुख सम्पत्ति घर आवे, कष्ट मिटे तन का॥

ॐ जय जगदीश हरे

तुम पूरन परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।

पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सबके स्वामी॥

ॐ जय जगदीश हरे

तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।

मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥

ॐ जय जगदीश हरे

तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।

किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति॥

ॐ जय जगदीश हरे

दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।

अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥

ॐ जय जगदीश हरे

विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।

श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥

ॐ जय जगदीश हरे

ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे।

भक्त जनों के संकट, क्षण में दूर करे॥

 

जगदीश जी की आरती के लाभ

1. सकारात्मक ऊर्जा का संचार

इस आरती का नियमित गायन घर और मंदिर में शुद्धता और पवित्रता लाता है। इससे वातावरण सकारात्मक और शांतिपूर्ण बनता है।

 

2. संकटों का नाश

भगवान विष्णु की कृपा से जीवन में आने वाली बाधाएँ और कष्ट समाप्त हो जाते हैं। यह आरती जीवन में शुभता लाने में सहायक होती है।

 

3. मानसिक शांति और आत्मिक संतोष

आरती का गायन मन को शांति प्रदान करता है और आध्यात्मिक उन्नति में सहायता करता है। यह ध्यान और भक्ति को प्रगाढ़ बनाती है।

4. धन-समृद्धि और सुख-शांति

जो व्यक्ति श्रद्धा से यह आरती गाता है, उसके घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है। भगवान विष्णु के आशीर्वाद से आर्थिक और पारिवारिक समस्याएँ समाप्त होती हैं।

 

5. भय और नकारात्मकता से मुक्ति

यह आरती सभी प्रकार के भय, चिंता और नकारात्मकता को दूर करती है। यह बुरी आत्माओं और नकारात्मक ऊर्जाओं को नष्ट करने वाली मानी जाती है।

 

जगदीश जी की आरती कब और कैसे करें?

1. प्रतिदिन प्रातः और संध्या को आरती करना शुभ होता है।

2. गाय के घी का दीपक जलाकर आरती करें।

3. आरती के समय भगवान विष्णु की मूर्ति या चित्र के सामने बैठकर ध्यान करें।

4. आरती समाप्त होने के बाद प्रसाद वितरण करें।

5. विशेष रूप से गुरुवार और एकादशी के दिन आरती करना अत्यंत शुभ फलदायी होता है।

 

 

“जय जगदीश हरे” आरती न केवल भगवान विष्णु की स्तुति है, बल्कि यह भक्तों को आंतरिक शांति, मानसिक स्थिरता और आध्यात्मिक उन्नति की ओर ले जाती है। इसे गाने से न केवल हमारी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, बल्कि हमारा मन भी भगवान की भक्ति में तल्लीन हो जाता है। जो कोई भी इस आरती को श्रद्धा से गाता है, उसे जीवन में सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।

भगवान जगदीश की कृपा सभी भक्तों पर बनी रहे और वे सबके दुख हरें!

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